अपने वादे पर नहीं टिक पाया तालिबान, काबुल एयरपोर्ट पर महिलाओं और बच्चों पर नुकीले-धारदार हथियारों से किया हमला
By: Pinki Wed, 18 Aug 2021 2:34:27
अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान ने कई वादें किए। तालिबान ने यह वादा किया कि इस बार उनके शासन में महिलाओं के अधिकारों का सम्मान किया जाएगा लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। काबुल से सामने आई तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि तालिबानियों ने देश छोड़ने के इरादे से हवाईअड्डे आने वाली महिलाओं और बच्चों पर नुकीले-धारदार हथियारों से वार किया है।
तालिबानी लड़ाकों ने एयरपोर्ट से भीड़ को वापस भेजने के लिए फायरिंग भी की थी। लॉस एंजिलिस टाइम्स के रिपोर्टर मार्कस यैम ने ट्विटर पर कुछ तस्वीरें ट्वीट की हैं और दावा किया है कि तालिबानियों के हमले में कई लोग घायल हुए हैं।
फॉक्स न्यूज ने एक वीडियो जारी कर यह दावा किया है कि तालिबान लड़ाके काबुल और अन्य जगहों की सड़कों पर घूम रहे हैं और पूर्व-सरकारी कर्मचारियों की तलाश में जुटे हैं। इस दौरान वे कई जगह फायरिंग भी कर रहे हैं। चैनल ने यह भी दावा किया है कि तालिबान ने तखर प्रांत में मंगलवार को एक महिला को सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया क्योंकि वह घर से बाहर बिना सिर ढंके दिखी थी।
*GRAPHIC WARNING* Taliban fighters use gunfire, whips, sticks and sharp objects to maintain crowd control over thousands of Afghans who continue to wait for a way out, on airport road. At least half dozen were wounded while I was there, including a woman and her child. #Kabul pic.twitter.com/a2KzNPx07R
— Marcus Yam 文火 (@yamphoto) August 17, 2021
काबुल पर कब्जे के बाद पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में तालिबान ने कहा कि वे 1996-2001 के बीच अपने पिछले शासन की तुलना में इस बार नरमी से कानून लागू करेंगे। तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने कहा, '20 साल के संघर्ष के बाद हम सबने मिलकर अपने देश को अफगानिस्तान से आजाद कराया है। उन्होंने सभी देशों को भरोसा दिलाया कि नए अफगानिस्तान से किसी को भी किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा। हम किसी के प्रति नफरत की भावना नहीं रखेंगे। हमें बाहरी या अंदरूनी दुश्मन नहीं चाहिए। तालिबानी नेता जलालाबाद में स्ट्रैटजी पर चर्चा कर रहे हैं। अफगानिस्तान को आजाद कराने का हमें गर्व है। जल्द ही शरिया कानून के तहत सरकार का गठन होगा।'
स्थानीय मीडिया की कई रिपोर्टों में इससे उलट यह दावा किया जा रहा है कि तालिबान के बढ़ते प्रभाव के बीच बहुत सी महिलाओं को उनके दफ्तरों ने नौकरी छोड़ने का आदेश दिया है। तालिबान ने अफगानिस्तान में महिला न्यूज एंकर्स को बैन कर दिया है। अब तालिबानी एंकर टीवी पर न्यूज पढ़ेंगे। खदीजा अमीना नाम की एक महिला सरकारी न्यूज चैनल में एंकर थी, उनको भी हटा दिया गया है। एक दिन पहले ही तालिबान ने कहा था कि महिलाओं के हितों की रक्षा होगी। अब तालिबान कह रहा है कि सिर्फ शरीयत कानून के तहत ही महिलाओं को काम करने की इजाजत है। नौकरी से हटाए जाने के बाद अफगान न्यूज एंकर खदीजा अमीना ने कहा, 'मैं क्या करुंगी, अगली पीढ़ी के पास कुछ काम नहीं होगा। 20 साल में जो कुछ भी हासिल किया, सब चला जाएगा। तालिबान तालिबान है, वो नहीं बदले हैं।'
पिछले शासनकाल में तालिबान ने महिलाओं के काम करने पर पाबंदी लगाई हुई थी। लड़कियों को स्कूल जाने का अधिकार नहीं था और महिलाएं घर से बाहर सिर्फ किसी पुरुष रिश्तेदार के साथ ही निकल सकती थीं, वह भी बुर्का पहनकर।
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